To place the love of any human being ahead of the love of His Messenger, Prophet Muhammad, is to forfeit one’s faith altogether. The Prophet says: ‘None of you truly attains to faith unless I am dearer to him than his parents, children and all mankind’. [Related by al-Bukhari].
एक दिन अपने हबीब मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथ
इस पुस्तक में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के अख़लाक़ व चरित्र, हुल्या-रूप रेखा, आप के सोने जागने, वुज़ू करने, नमाज़ पढ़ने, पहनने, चलने-फिरने, सवार होने, लोगों के साथ आचरण करने, सुबह व शाम के अज़्कार, पानाहार, अपने घर में रहन सहन संबंधी गाइड तथा निर्देशना है।